Now Reading
जन संघर्ष (संग्रामी लहर -जून २०१९)

जन संघर्ष (संग्रामी लहर -जून २०१९)

पंजाब डायरी

‘‘जे.पी.एम.ओ. के झंडे तले उत्साहपूर्वक मनाया गया मई दिवस’’

जन संगठनों का सांझा मंच (जे.पी.एम.ओ.) में शामिल संगठनों द्वारा इस बार का मई दिवस (अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस) पंजाब भर में ‘‘साम्राज्यवादी शोषण एवं दखल खत्म करने की चुनौती से पार पाने योग्य आंदोलन निर्मित करने के संकल्प दिवस’’ के तौर पर मनाया गया। जगह-जगह विशाल जन सभाएँ की गई, शिकागो के शहीदों की नमन करते नारे गूँजते हुए झंडे फहराये गये तथा विशाल मार्च निकाले गये। शहीदों के अधूरे स्वपनों की पूर्ती हेतु हर बलिदान देने का प्रण दोहराया गया। जनसभाओं में वक्ताओं ने कहा कि साम्राज्यवादी चुनौती से पार पाने हेतु भारत में नवउदारवादी नीतियों एवं साम्प्रदायिक तथा फासीवादी संगठनों को खदेडऩा अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि विश्वीकरण, उदारीकरण, निजीकरण के चरित्र वाली उक्त नीतियाँ ही भारत के समस्त गरीबों की भांति-भांति की मुसीबतों के लिए जिम्मेदार हंै। इन नीतियों के खिलाफ जन मानस में उबलते आक्रोश एवं उठने वाले संग्रामों को उलट दिशा में अग्रसर करने हेतु ही, आर एस एस की अगुआई में कट्टरपंथी तत्वों द्वारा धर्म के नाम पर लोगों को बाँटने एवं एक दूसरे के खून के प्यासे बनाने के षडय़ंत्र रचे जा रहे है। इस षडय़ंत्र की हर प्रकार से सहायता करने के लिए दुर्भाग्य से देश में भाजपा की अगुआई में नरेन्द्र मोदी सरकार अस्तित्व में आ चुकी है। ठीक यही काम दूसरी तरफ से अल्पसंख्यक समुदाय के स्वंयभू ठेकेदार, मुस्लिम कट्टरपंथी भी कर रहे हैं। यह तथ्य समझने की जरूरत है कि कापोरेट लूट व साम्प्रदायिक फासीवादी कतारबंदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हर तरह के पृथकतावादी संगठन शोषण के निकााम की उम्र लम्बी करने को तत्पर हैं। विभिन्न स्थानों से प्राप्त संक्षिप्त रिपोर्टें :
लुधियाना: यहां विभिन्न कार्यालयों एवं ओद्यौगिक संस्थानों के गेटों पर झंडे फहराए जाने के पश्चात् स्थानीय रेलवे स्टेशन पर विशाल जन सभा आयोजित की गई। सर्वसाथी मंगत राम पासला, प्रोफैसर जयपाल, पर्मजीत सिंह, जगतार चकोही, रघुबीर बैनीपाल, गुरदीप कलसी, हरबंस लोहटबद्धी, हरनेक सिंह गुज्जरवाल आदि ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘‘साम्राज्यवादी नर पिशाचों तथा भारतीय बड़े पूंजीपतियों के हाथों देश एवं देशवासियों की निर्मम लूट तथा धर्म के आधार पर मेहनतकशों की फूट’’, मोदी सरकार की बस दो ही उपलब्धियां है। सभी ने एक स्वर में कहा कि ‘‘मोदी-मनमोहन मार्का नवउदारवादी आर्थिक नीतियों’’ से पिंड़ छुड़ाए बगैर भारतीय आवाम चैन की नींद नहीं सो सकते। समारोह में महिलाएं भी भारी संख्या में शामिल हुईं।
जालंधर: विभिन्न स्थानों पर मई दिवस मनाए जाने उपरांत रेलवे स्टेशन पर टी.आर. गौतम, रमेश शर्मा, गुरमीत सिंह की अध्यक्षता में विशाल सभा का आयोजन किया गया। साथी टी.आर.गौतम द्वारा ध्वजारोहण किया गया। मंच संचालन साथी तरसेम लाल द्वारा किया गया। हरी मुनि सिंह, पार्वती देवी, कंचन, मनोज कुमार, रमेश भल्ला, परमिंद्र सिंह, राजेन्द्र कुमार, प्रीतम सिंह, रूप लाल, बलराज, तिवारी, राजकुमार, जसवंत राय, जसवंत काहलों, उदयभान, बलविंद्र पाल, राणा सिंह, अमित कुमार, बलवीर सिंह, चरणजीत सिंह, रघुबीर सिंह, गुरुबख्श कौर, सुरेन्द्र कौर ने संबोधन किया।
भटिण्डा: जे.पी.एम.ओ. में शामिल संगठनों द्वारा थर्मल भटिन्डा तथा लहरा मौहब्बत, सीवरेज बोर्ड आदि कार्यालयों तथा तलवंडी, नथाना, घुददा, जस्सी बाग वाली आदि गांवों में मई दिवस समारोह मनाए गए। समारोहों में बोलते हुए साथी महीपाल, प्रकाश सिंह, मक्खन सिंह खनगवाल, मक्खन सिंह गुरुसर, सुखचैन, गुरदीप बराड़, हंस राज, कुलविन्द्र सिंह, किशोर चंद गाज, संपूर्ण सिंह, मिठ्टू सिंह घुद्दा, चंदसिंह, उम्रदीन, कृष्ण कुमार, तारा सिंह, मलकीयत सिंह ने हे मार्कीट के शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की।
नकोदर: शहीद गगन-सुरजीत पार्क में हुए समारोह को दर्शन नाहर, हरमेश मालड़ी, मनोहर सिंह, राम सिंह, निर्मल आद्धी, निर्मल शाहकोट, दलविंद्र कुमार आदि ने संबोधित किया।
फरीदकोट: विभिन्न स्थानों पर ध्वजारोहण समारोह करने के पश्चात् जन सभाएं तथा मार्च निकाले गए। कुलदीप शर्मा, गुरतेज सिंह, जतिन्द्र कुमार, जगजीत पाल, जगतार विर्दी, हंस पुरी, नीना, रमेश आदिक ने अगुवाई की।
चंडीगढ़: साथी सज्जन सिंह, रवी कंवर, जोगेन्द्र बुड़ैल, प्रभुदेव सिंह उप्पल, गुरबिन्द्र सिंह, ज्ञानी जगतार सिंह, राम किशन धुनकिया के नेतृत्व में जनसभाएं एवं ध्वजारोहण कार्यक्रम किए गए।
पठानकोट: जे.पी.एम.ओ. तथा आल ईम्पलाईल ट्रेड यूनीयन कौंसिल के तत्वाधान में स्थानीय रेलवे स्टेशन पर विशाल सभा का आयोजन किया गया। लाल झंडा पंजाब भ_ा वर्कर्स यूनीयन के महासचिव साथी शिव कुमार तथा नार्दर्न रेलवे मैन्स यूनीयन के फिरोजपुर मंडल के अध्यक्ष साथी शिवदत्त ने मुख्य वक्ताओं के तौर पर संबोधन किया। साथी अश्विनी कुमार द्वारा मंच संचालन किया गया।
मानसा:  डी.सी. कार्यालय समक्ष विशाल रैली कर मई दिवस मनाया गया। मक्खन सिंह, जनक सिंह फतहपुर, बलजीत सिंह बरनाला, हरचेत सिंह, रूप चंद परोचा, बूटा सिंह, गुरदास सिंह ने संबोधन किया।
होशियारपुर : कर्मचारी भवन में मई दिवस मनाया गया। साथी मनजीत सिंह सैनी द्वारा झंडा फहराया गया तथा सतीश राणा, इन्द्रजीत विर्दी, गुरप्रीतसिंह, पवन कुमार, डा: त्रिलोचन सिंह, गुरदेव दत्त, कुलतार सिंह कुलतार ने श्रम दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला। गढ़शंकर में स्थानीय बस स्टैंड पर प्रवीण कुमार तथा हरबंस लाल द्वारा संयुक्त रूप से ध्वाजारोहण किया गया। उपरांत हुई सभा को राम जी दास चौहान, निरभै सिंह, मक्खन सिंह वाहिदपुरी, हरपाल कौर, बलवंत राम, जीत सिंह बगवांई, सुच्चा सिंह सतनौर, शिंगारा राय भज्जल, शर्मीला देवी, अमरीक सिंह ने संबोधन किया। माहिलपुर  में यहाँ बाबा विश्वकर्मा मंदिर में मई दिवस मनाया गया। प्रिंसीपल प्यारा सिंह, मक्खन सिंह लंगेरी, अमरजीत कुमार, मलकीत सिंह, सत्तपाल लठ्ठ, पलविन्द्र कौर, गुरदास सिंह, सतविन्द्र सिंह, अरविन्द्र सिंह, कमलजीत कौर, बलविन्द्र कौर ने संबोधन किया। इसके अतिरिक्त रय्या, नूरपुर बेदी, रूडक़ा कलां, पट्टी, गुरदासपुर, जगराओं, फाजिल्का, अबोहर, फिरोजपुर, संगरूर, मलेरकोटला, मूनक, बरनाला, पटियाला, समाना, नाभा, राजपुरा, मोगा, मलोट, नवां शहर, टांडा, भूंगा, दसूहा, मुकेरियां व तलवाड़ा में जेपीएमओ के तत्वाधान में मई दिवस मनाया गया। लाल झंडे लहराने के बाद रैलियां की गई जिन्हें भिन्न भिन्न जनसंगठनों के नेताओं ने संबोधन किया।

हरियाणा डायरी
आलीका में यातायात समस्या पर सफल संघर्ष
शहीद भगत सिंह नौजवान सभा, अलीका, जिला रतिया (हरियाणा) ने मई के पहले सप्ताह में अलीका से रतिया रोड पर चलने वाली बस की समस्या को लेकर जनसभा की। जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर शहीद भगत सिंह नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप रतिया पहुंचे। मनदीप रतिया ने संबोधन करते हुए कहा कि अलीका से रतिया रूट पर चलने वाली प्राइवेट बसों के मालिकों व चालकों, परिचालकों द्वारा मनमर्जी की जाती है, इतना ही नहीं बस को ओवरलोड कर यात्रियों की जान से खिलवाड़ भी किया जाता है। नौजवान सभा के साथियों ने रोड़वेज बस चलाने की मांग को लेकर व बस मालिकों की गुंडागर्दी के खिलाफ डी.सी., आरटीओ को मांग पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।  इसके बाद 21 मई से डीसी दफ्तर के सामने निरंतर दिन-रात का धरना लगाया गया। चार दिन के धरने के बाद 24 मई को डिप्टी कमिश्नर द्वारा इस बात का लिखित आश्वासन देने के बाद कि रतिया-अलीके रूट पर सरकारी बसें चलाई जायेंगी। यह धरना समाप्त किया गया।

फतेहाबाद के रेहड़ी मजदूरों का संघर्ष
हरियाणा के फतेहाबाद में 5 जून को रेहड़ी यूनियन की एक बैठक अध्यक्ष प्रवीन कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें देहाती मजदूर सभा के नेता सुरजीत, शहीद भगत सिंह नौजवान सभा के प्रदेशाध्यक्ष साथी मनदीप नथवान व परमिंदर आलिका शामिल हुये। वक्ताओं ने कहा कि नगरपालिका रेहड़ी वालों को बिना कारण परेशान कर रही है। इन मेहनत-मजदूरी करके अपने पेट पालने वालों को कानून का भय दिखाया जा रहा है जबकि नशा तस्करों पर यह कानून काम नहीं करता। एक ओर तो भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार स्वरोजगार की दुहाई देती है तथा दूसरी ओर इन स्वरोजगार द्वारा अपने पेट पालने वालों की रेहडिय़ां तक छीनी जा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भ्रष्ट अफसर इन मजदूरों की रेहडिय़ां वापिस नहीं करेंगे व भविष्य में उन्हें रेहडिय़ां लगाने की इजाजत नहीं देंगे तो संघर्ष को तेज किया जायेगा।

आर.एम.पी.आई. गरीब किसान के हक में मैदान में उतरी
भारतीय क्रांतिकारी माक्र्सवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भूना ब्लॉक के गांव बस्ती में पीडि़त किसान परिवार को मिला। फतेहाबाद जिला के गांव बस्ती में गरीब दलित किसान रामनाथ सन ऑफ मातूराम को 1951- 52 में मुजारा लहर के तहत 1971 में 12 एकड़ 6 कनाल जमीन सरकार द्वारा अलॉटमेंट हुई थी। जिसकी गिरदावरी मालिकाना हक आज तक राम नाथ सन ऑफ मातूराम के नाम पर है । अब रामनाथ के लडक़े इस जमीन पर खेती करते हैं। पिछले लंबे समय से कोर्ट में केस चला। जो 2014 में हिसार कमिश्नर ने जमीन गरीब किसानों को कब्जा दिलवाकर मालिकाना हक दिलवा दिया। परंतु राजीव बत्रा व उसके पुत्र ऋषि बत्रा ने 2 जून को 100 -150 लोगों को गाडिय़ों में भरकर खेत में जाकर किसान की फसल उजाड़ दी। गरीब किसानों को बेरहमी से पीटा। जिसमें 5 महिलाएं व तीन पुरुष शामिल हैं । चार लोगों को गंभीर चोटें आने के कारण पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। प्रशासन व पुलिस दबंग जगीरदार के साथ है । पार्टी ने सरकार से मांग की है कि गरीब दलित किसानों को न्याय दिलवाने व राजीव बत्रा तथा उसके पुत्र ऋषि बत्रा के खिलाफ एससी एक्ट और धारा 307 व 26 के तहत लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, और किसानों के हितैषी नेताओं से  अपील है कि इस गरीब किसान की मदद करें।

 

 

छत्तीसगढ़ डायरी  
जमीन अधिग्रहण करने पहुंचे अफसरों को आदिवासियों ने पढ़ाया ‘कानून का पाठ’
भारत के संविधान में ऐसी व्यवस्था है कि पांचवी अनुसूची वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले पारम्परिक ग्राम सभा की अनुमति लेना जरूरी होता है.
बस्तर : ‘‘किसकी अनुमति से गांव में घुसे? क्या आप भारतीय संविधान को मानते हो? भारतीय संविधान को मानते हो तो संविधान के विपरीत क्यों काम कर रहे हो? पेसा कानून,पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में प्रवेश से पहले या जाने से पहले पारंपरिक ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य होता है क्या आपके द्वारा अनुमति लिया गया है?’’
ये सवाल 4 जून 2019 को एनएमडीसी सैलेरी पाइप लाइन बिछाने के लिए सीमांकन करने आए प्रशासनिक कर्मचारियों से बस्तर के मावलीभाठा अन्तर्गत चितापुर के ग्रामीणों ने इक_ा होकर पूछ दिया!
ग्रामीणों ने कहा पहले संविधान पढ़ कर आओ, आदिवासी कानून जानते हैं, उन्हें न सिखाओ, आदिवासी अपनी जमीन नहीं देंगे! यह सुनकर आदिवासियों के इन सवालों से वहां मौजूद तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरे से पसीना आना चालू हो गया। अफसर ग्रामीणों को मनाने में लगे रहे लेकिन ग्रामीणों के सवाल से अफसर वहां से चलता बने।
मामला छत्तीसगढ़ के बस्तर अन्तर्गत मावलीभाठा के चतीतापुर गांव में एनएमडीसी के सैलेरी पाइप लाइन के सीमांकन का था जिसके लिए मंगलवार को एनएमडीसी के कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी इलाके में पहुंचे थे। क्षेत्र के आदिवासियों ने इक_ा होकर सडक़ पर उतर कर कहा कि बिना अनुमति के आप इस गांव में घुस कैसे गए? पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में किसी भी कार्य को करने और उसके लिए घुसने से पहले पारंपरिक ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य रहता है। आप बिना अनुमति के हमारी जमीनों का सीमांकन कैसे कर सकते हैं?
आदिवासी समुदाय के सदस्य नरेंद्र कर्मा ने बताया कि हमारा गांव गणराज्य मावलीभाटा है, (परगना चीतापुर) में सैलरी पाइप लाइन सीमांकन के लिए अधिकारी आए हुए थे। अधिकारियों को गांव के पुजारी गायता मांझी एवं क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रुकमणी कर्मा, ग्राम सभा सदस्यों के द्वारा संविधान का पाठ पढ़ाया गया है। नरेंद्र कर्मा ने आगे बताया कि यदि ग्राम सभा एवं क्षेत्र के लोग जमीन नहीं देना चाहते हैं तो जबरिया गांव में घुस कर जमीन नापने संबंधित कार्य प्रशासन कैसे कर सकता है। ग्रामीणों ने ग्राम सभा में प्रस्ताव ला दिया है कि जमीन नहीं देंगे। नरेंद्र कर्मा आगे कहते हैं कि यदि ग्रामीण जमीन देना भी चाहते हैं तो भी उनके-उनके पक्ष में खड़े रहेंगे।
गौरतलब है कि इसके पूर्व तोकापाल स्थित परपा में भी महिलाओं के द्वारा पारंपरिक वेशभूषा के साथ आपत्ति दर्ज किया गया था। आज भी ग्राम सभा के सदस्य एवं गणमान्य नागरिकों के द्वारा विधि के विरुद्ध सीमांकन करने आए अधिकारियों को उल्टा पांव लौटाया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस विधि के विरोध में सीमांकन करने वाले संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध आगामी दिनों में ग्राम सभा आयोजित कर संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर कार्यवाही करने के लिए शिकायत किया जाएगा।
बता दें कि बस्तर में पेसा कानून लागू है और यहां पांचवीं अनुसूची क्षेत्र भी है। भारत के संविधान ने ऐसी व्यवस्था की है कि पेसा कानून, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में प्रवेश से पहले या जाने से पहले पारंपरिक ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य होता है लेकिन सैलरी पाइप लाइन के लिए भारतीय संविधान के निर्देशों का पालन ही नहीं किया गया है और बिना अनुमति के ही सर्वे के लिए अफसर यहां आ गए। ऐसे में इलाके के लोग पारंपरिक हथियारों के साथ सडक़ पर उतर आए।

Scroll To Top