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भारत बंद की तैयारी जोरों पर — पूरे भारत से विभिन्न संगठन दे रहे हैं समर्थन

भारत बंद की तैयारी जोरों पर — पूरे भारत से विभिन्न संगठन दे रहे हैं समर्थन

सिंघू बॉर्डर, 12 सितंबर (संग्रामी लहर ब्यूरो)- हरियाणा के सिरसा में आज विशाल किसान महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में कई एसकेएम नेताओं ने भाग लिया और अनाज मंडी में एकत्र हुए हजारों किसानों को संबोधित किया। कल करनाल में किसानों की जीत के बाद महासम्मेलन खुशी और उम्मीद से भरा था। किसानों ने किसान आंदोलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और तीन काले कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ-साथ सभी किसानों को लाभकारी एमएसपी के लिए कानूनी अधिकार के लिए, और मांगों को पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।

पंजाब के किसान संगठनों ने सहकारी समितियों के लिए डीएपी की सीमा में कटौती के सरकार के फैसले का विरोध किया। किसान नेताओं ने कहा कि यह कृषि सहकारी समितियों की कीमत पर बड़े कॉरपोरेट को कृषि में लाने की चाल है।

इस बीच, भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हरियाणा के जगाधरी और तिगरा में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा के पार्टी कार्यक्रम रद्द करने पड़े। इसी तरह, हरियाणा के जींद में, किसानों के विरोध के बाद भाजपा की एक बैठक स्थगित करनी पड़ी और भाजपा विधायक महिपाल डंडा को मौके से भागना पड़ा।

देशभर में भारत बंद की तैयारियां जोरों पर है। तैयारियों को लेकर कई बैठकें और सम्मेलन हो रहे हैं। तेलंगाना में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों की प्रभावशाली उपस्थिति थी। इस सम्मेलन में राज्य भर के नेता एक साथ आए और भारत बंद के समर्थन में आह्वान किया। कर्नाटक में, किसान संगठनों ने भारत बंद के लिए अपना समर्थन दिया, और सभी कस्बों और गांवों के किसानों से संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में सड़क पर उतरने की अपील की । झारखंड में भी एक एसकेएम राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

इस बीच, 9 सितंबर को महाराष्ट्र से शुरू हुए साइकिल मार्च को मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल के पास रोका और किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया। एसकेएम ने मध्य प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया, जिसने शांतिपूर्ण किसानों को निशाना बनाने का फैसला किया। “हम मंदसौर पुलिस हिंसा को नहीं भूले हैं, जहां चार साल पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा छह किसानों की हत्या कर दी गई थी। इस तरह की क्रूरता अधिक किसानों को अन्याय के खिलाफ लड़ाई में साथ लाएगी”, एसकेएम ने कहा।

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